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रात्रि गस्ती में निकले मोहोल्ले के लोग.


पुलिश का भरोसा छोड़ मुहोल्लेवालों ने खुद उठा ली आपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी

@news5pm

January 14th, 2023

निशु जी लोचन/ ब्यूरो

प्राय इस देश के सभी नागरिको की यही ख्वायिस होता है की उसे कुछ न करना पड़े और सरकार उनके सभी कामो को सम्पन्न करवा दे!

सदियों से इस हरामखोरी की मानसिकता का बहुत ही बुरा असर समाज पर पड़ा है. लेकिन लीक से हटकर कुछ नए जनून भी इस देश में समय समय पैदा होता है.

इस तरह कुछ आलग हट कर बिहार में भागलपुर के एक मुहल्ले में इस भीषण सर्द रात में झुण्ड में लोगो हाथों में डंडा विसिल व टॉर्च देखा जा सकता हैं. वह लोग कोई पुलिस का जवान या होमगार्ड का जवान नहीं है बल्कि गांव के ही युवा व बुजुर्ग हैं. वह अपने गांव में अमन चैन व शांति लाने के लिए रात्रि पहरेदारी कर रहे हैं. एक समय था जब गांव के लोग बदमाश से डरते थे. अब बदमाश ही इन मोहल्ले वालों से डरते हैं.

गस्ती में लोग रात के सन्नाटे में .

मामला बिहार में भागलपुर जिला के मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नंबर 39 और 40 शाहबाजनगर का है.  मुजाहिदपुर  के शहबाजनगर मोहल्ले की हालत इस कदर खराब हो गई थी कि लोग उस मोहल्ले से गुजरना अपने आप को महफूज नहीं समझते थे. वहां के युवा बिगड़ रहे थे. वहां चरस अफीम ब्राउन शुगर की बिक्री धड़ल्ले से होने लगी थी. जिसके चलते वहां राहगीरों के साथ छिनछोर मारपीट आम बात हो गई थी. असामाजिक तत्वों के द्वारा खुलेआम अपराध को अंजाम देना आम बात हो गई थी. लोग काफी भयभीत रहते थे. रात के अंधेरे साए से तो डर लगता ही था लोग दिन में भी घरों से निकलना ठीक नहीं समझते थे. बहन बेटियों का स्कूल कॉलेज जाना दुश्वार हो गया था.

ठण्ड हो या कुछ रात में गस्ती तो जरूरी है.

एक वाक्य ऐसा है कि अपराधियों ने गांव के ही एक युवक का मोबाइल पैसा उसके पास का सामान छीन लिया. ऐसी वारदात सैकड़ों हो चुकी थी. लेकिन वह युवक उस गांव का था. उसने हर घर जाकर फरियाद लगाई कि मुझे मेरा सामान दिला दिया जाए. उस युवक को सामान तो नहीं मिला लेकिन गांव के लोगों ने उसी दिन कसम खाई की इस गांव को अपराध मुक्त व नशा मुक्त बनाना है. आदर्श व स्वच्छ गांव बनाना है. तभी से उस गांव के लोग रात्रि के 10:00 से 4:00 सुबह तक पहरेदारी करते हैं. हर घर से लोग इस पहरेदारी में सम्मिलित होते हैं.

 

अब मुजाहिदपुर के शहवाजनगर के लोग अमन चैन से रह रहे हैं यह दावा है राहमीतुल्लाह, शहबाजनगर, के निवासी का. “लोग दिनभर अपना व्यवसाय करते हैं और रात में अपने समाज की रक्षा के लिए पहरेदारी करते हैं. अब वहां के लोग बदमाशों से नहीं डरते. अब बदमाश वहां के मोहल्ले वालों से डरते हैं “, मोहोल्ले में रहनेवाले एक छात्र, मिर्जा कहता है.

सनद हो की यह इलाका भागलपुर का सबसे खतरनाक इलाका हुआ करता था पर अव गांव के सभी लोग पहरेदारी करना शुरू कर दिया है.

प्रशासन की ओर से भी शहबाजनगर वालों को सहायता मिल रही है. जब भी गांव के लोग फोन करते हैं तुरंत मोजाहिदपुर थाना इस पर संज्ञान लेती है और गस्ती गाड़ी पहुच जाती है.

जव अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद को निभाना पड़ता है !

मुजाहिदपुर के शाहबाजनगर मोहल्ले के लोगों का एक ही सपना है कि जिस तरह हम लोग अपने गांव को अपराध व नशा से मुक्ति दिलाए हैं उसी तरह हर गांव के युवाओं को ऐसा कार्य करना चाहिए. जिससे अपने गांव समाज जिला राज्य व देश में अमन चैन बहाल हो. वहां के युवा, आम आवाम से यही अपील करते दिखे कि आप भी अपने गांव की सुरक्षा के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें.

अपराध को जड़ से मिटाने के लिए पंचायत भवन में एक बैठक रखी गई थी. दर्जनों लोगों को एकजुट किया हुए थे. उसके बाद रात्रि पहरेदारी शुरू हुई. गांव के तकरीबन 50 से 60 लोग जिसमें हर घर से लगभग एक व्यक्ति रहते हैं. वह हाथ में डंडा, विसिल, टॉर्च लेकर गांव के हर गली मोहल्ले घूमते नजर आते हैं. ये लोग 3 गुटों में  बटकर रात्रि गश्ती करते हैं.जिससे सारा इलाका कबर हो सके. रात्रि गस्ती 10:00 बजे रात से 4:00 बजे सुबह तक की जाती है.

हालाँकि  भागलपुर के लिए शाहबाजनगर की नागरिको द्वारा रात्रि गस्ती आज की कोई नई बात नहीं है. 1989 के दंगे के वाद समाजिक शांति तथा अमन के रक्षा के हेतु यहाँ के कोई मुहोल्लो में स्थानीय नागरिको द्वारा इस प्रकार की रात्रि गस्ती का व्यवस्था किया गया था. कुछ दिनों तक यह अनोखा प्रोयोग खूब अच्छे से चला था पर कुछ मुहोल्ले में वहां के कुछ अपराधिक किस्म के लोगो के द्वारा रात्रि गस्ती के आड़ में असमाजिक कामो को प्रोसाहित करने के बात सामने आने पर रात्रि गस्ती को बंद करवा दिया गया था.


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