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शहीद निलेश.
निशु जी लोचन/
आईना वही रहता है चेहरे बदल जाते हैं…. पर चेहरे भागलपुर में बदलते नहीं अगर ये विकाश से जुडी हैं तो ! और अगर ये आईना सूबे के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार देख रहें हो तो !!
हालाँकि नीतीश कुमार पर ये बातें लागू नहीं होती है . जनाब हें तो विकाश समीक्षा यात्रा पर , पर नजर कहीं और, निशाना कहीं पर.
2009 में जब विकास यात्रा पर निकले थे तब जो जनता के बीच उम्मीद जगाई गई थी , उसकी तुलना में देखें तो वे अरमान आज भी अधूरे हैं. ये बातें नीतीश कुमार पर जरूर लागू हो रही हैं. सूबे में शायद भागलपुर ही एक ऐसी जगह है जो शायद नीतीश कुमार के लिए आईना है.

उधाडीह में नीतीश की सभा .
आज से तकरीबन 9 साल पहले , 18/19 फरवरी 2009 को नीतीश कुमार भागलपुर के सुल्तानगंज प्रखंड में उधाडीह गांव में सेवा यात्रा में पहुचे थे. नजारा कुछ इस तरह का था – मंच पर बिहार गीत की प्रस्तुति चल रही थी. नीतीश कुमार मंत्रमुग्ध सुन रहे थे. चाय की चुस्की के साथ अश्वनी चौबे से बतिया रहे थे. नीतीश हलांकि मंच से यह स्पष्ट करते हुए यह बोले थे कि वे चुनाव के लिए ये सब नहीं कर रहे हैं. वरन गैर परंपरागत कार्य कर बिहार के लोगों को जगा रहे हैं और वे बिहार बनाने को निकले हैं.
लेकिन तब की घोषणाओं की हकीकत आज भी आधी अधूरी है. 2009 में सीएम साहेब आपने उधाडीह गांव के मंच से कहा था कि स्टेडियम, प्लस टू स्कूल, अस्पताल और पेयजल की व्यवस्था पुख्ता होगी लेकिन वह तो आज भी आधी अधूरी पड़ीं है. स्टेडियम बिना बाउंड्रीवाल के है. स्कूल भवन की दीवार जर्जर है, खिड़की तक नहीं है और शिक्षक आज भी नदारत है. अस्पताल तो बना ही नहीं. पानी टंकी एक महीना पहले चालू हुआ है – इसलिए ठीक ही कहा है कि आईना झूठ नहीं बोलता है.
वैसे नीतीश कुमार का एक बार पहले भी सात निश्चय कार्यक्रम के तहत 20 जनवरी 2017 को भागलपुर के हरिदासपुर गांव पहुंचे थे. तब आपने सात निश्चय के तहत कई काम कराए थे.
पर हरिदासपुर गांव की जनता यह कह रही है कि कोई भी काम पूरा नही हुआ है आज तक. घर घर नल दिया, आपके आने के दिन पानी था, बाद में बंद हो गया. शौचालय भी कुछ बने और कुछ के पैसे अभीतक ग्रामीणों को नहीं मिले हैं. नालों के निर्माण कराये गये लेकिन घर घर से उनका जुड़ाव नहीं हुआ. गड्ढे का सौंदर्यीकरण उस समय दिखावा मात्र रहा. पानी का बड़ा टंकी तब भी अधूरा था आज भी अधूरा है. सोलर लाइट से चलने वाला पम्प भी बंद ही रहता है. आने वाले पत्रकारों को गांव वालों अपनी व्यथा सुनते नहीं थकते ; सपना कुमारी, वार्ड पार्षद और ग्रामीण सहित हरिदासपुर, नाथनगर की जनता गुहर कर रही है.

इन्हें आज भी उम्मीद है नीतीश से.
सीएम साहब आप जब जब जनता के बीच आते हैं अधिकारी वर्ग में तेज़ी आ जाती है. लेकिन आपके जाने के बाद आपकी उम्मीद पर यही अधिकारी पानी फेर देते हैं, दबी जुबान से ग्रामीण बोलते हैं, “आईना वही रहता है चेहरे बदल जाते हैं, आईना तब भी आप थे और आज भी आप है, फिर भी उम्मीद भी आप ही से है”.
कल उधाडीह गांव में भी कुछ ऐसा ही माहोल देखने को मिला. नीतीश कुमार जो अभी दहेज़ उन्मुलन और बाल विवाह के खिलाफ मानव श्रृंखला निर्माण हेतु जन जागरूकता में ब्यस्त हैं, ने यहाँ भी विकाश का झुनझुना बजाकर कुछ ऐसा ही किया. फर्क सिर्फ इतना रहा कि वे गाँव के हाल में हुए शहीद निलेश के घर जाकर श्रद्दासुमन अर्पित कर परिजनों को सांत्वना दी और गाँव को शहीद के गाँव के रूप में विकसित करने का आश्वासन भी दिया.
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