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Shabana manages the reunion of a couple.


International Women’s Day : Pretty lady in a big mission

@news5pm

March 8th, 2019

Our Bureau/

International Women’s Day, today is a chance for firms to highlight the gender equality work they’re doing. This year many are pushing staff initiatives and charitable works in the world.

Shabana Dawood of Bhagalpur.

However, News5pm has decided to focus one individual, especially for the mission which the lady, Shabana Dawood, a Bhagalpur (Bihar) based social activist. Mother of two kids, Shabana who started fighting for the cause of depressed and destitute women under the banner of her ‘Fateh Help Society’ is indeed a big story to write.

She became synonyms of a ‘true helper’ for even any unknown woman or girl who is in trouble. Getting information of any woman related issues mainly the post matrimonial dispute/violence anywhere in Bihar, she ruses and manages to find solution on spot. She has been using social media mainly to share or even seeking help from her face book/ WhatsApp friends at any unknown place. Earlier she had shown exemplary works inside Sahid Jubba Sahani central jail, Bhagalpur while arranging training camps for female inmates so that they could earn livelihoods after their release from the jail.

She joined politics (in JD-U women cell) but yet not forgets her commitments towards her mission.

Her story is full of excitement and very thrilling. Here we just post her write up which she wrote on her face book wall. She posted the story of her struggle in Hindi and News5pm team saluting her for the mission which she has taken up.

Shabana with her husband and son.

The exact version from Shabana which she wrote on March 8, 2007.

 

 

आज़ महिला दिवस है , ( शबाना दाऊद को शहर बदर कर दिया जाय या मार दिया जाय – फतवा )

जिंदगी की एक हकीकत ….उन महिलओं के लिऐ जो अपने आपको कमजोर और अबला समझती हैं ….

8 मार्च 2007 ( महिला दिवस) मैं PTN News Channel की anchor बनीं, मुझे video camera चलाना बहूत पसंद था चूंकि मेरे पापा शादी विवाह में video recording क़ा काम करते थे इसलिए घर में ही camera चलाना सिख गई थी .. मुझे सम्पादक जी द्वारा एक कार्यक्रम “दिल से दिल तक”, में anchoring करने क़ा मौका दिया गया , एक दिल की बात दुसरे दिल तक पहुंचाती थी , येह प्रोगाम बहूत hit हुआ था ..अब लोग मुझे जानने लगे थे , 21 फ़रवरी को मैंने अपने boss , US dubey जी से कहा मैं भागलपुर अपने घर जाना चाह रही हूँ , दुबेय सर ने कहा भागलपुर में बहूत सारे बीडी मजदूर कार्य करते है और महिला

Counseling in matrimonial disputes.

बीडी मजदूर काम करती हैं एक स्टोरी बना कर लाना है और मैं पहली बार PD Camera जो बहूत महंगा होता था , पटना से भागलपुर लेकर आई .. मैं भागलपुर पहुँच कर बहूत खुश थी … घर के लोग बहूत इज्जत देरहे थे की अब मैं tv channel पर आरही थी .. 22 may 2007 बहूत गर्म दिन था मैं संध्या 4 बजे अपने घर हुस्सैनपुर से प्रखंड जगदीशपुर के शाहजंगी मैदान आगई .. मुहल्ले में घुसते ही 13 वर्ष, 14 वर्ष या उससे भी कम उम्र की बच्चियां बीडी बना रही थी ..मैंने तुरंत अपना camera on किया और recording करने लगी … मैं एक बहूत ही खूबसूरत white plazo सलवार सूट पहनी थी , उपस्तिथ लड़कियों ने मेरे ड्रेस की तारीफ भी की … अभि मैं Interview bite लेने आरम्भ ही किया था और बीवी रुक्साना interview दे ही रही थी के दिन भर में 500 बीडी बना लेते हैं की रुक्साना बहूत जोर से खांसी ….तब तक मेरे whilte सलवार सूट में लाल लाल स्पॉट क़ा छींटा पड़ा , मुझे बहूत ही गुस्सा आया येह अनपढ़ , uncultured लड़की पान क़ा गुटका खाकर interview दे रही है … कु़छ देर के बाद पता चला येह तो खून क़ा छींटा है, मैं बुरी तरह घबरा गई , मेरे बगल में खड़ी 13 वर्षीय सलमा ने कहा मैडम रुक्साना को TB क़ा बिमारी है ..तभी रुक्साना ने उलट कर ज़वाब दिया मैडम सलमा को भी TB है … कु़छ देर बाद मुझे येह अहसास हुआ यहाँ पर उपस्तिथ लगभग सभी लड़कियों जो बीडी बनाती हैं सब को Tuberclosis या सांस के रोग से ग्रसित हैं ..तभी मैं और मेरी आत्मा पूर्णरूप से दुखीः हो चुका था, मैंने camera को switch off किया ..और उनसे बातें करने लगी , तब बीवी जूही ने पुरी कहानी बताई के मैदान दिन भर मेँ हमलोग 500, 600 बीडी बनाते हैं और 25/- मजदूरी मिलता हैं जिसमे 10/- क़ा खाली पेट क़ा दवा यानी TB क़ा दवा RCinex खा लेते हैं और 15/-रूपए मेँ परिवार चलाते है , सिर्फ़ 2 वक्त ही खाते हैं ..आपके पहले भी और भी लोग camera लेकर आए और चले गये ..बस अखबार मेँ हमलोगों के बेबसी की कहानी छपती है ….. मेरे आँखो से आँसू वह रहे थे और मैं परेशान थी मेरे आँसू रुकने क़ा नाम नहीं ले रहा था ..और मैं अपना केमरा समेट वापस जारही थी …..जुबां पर सिर्फ़ एक ही गाना था,

मधुवन खुशबू देता हैं …साग़र सावन देता हैं ,

जीना उसका जीना हैं …जो औरों को जीवन देता है ।

जैसे ही मैं घर पहुँची मैं सदमे से जमीन पर गिर गई , घर मेँ अफरा तफरी क़ा महौल मच गया …धीरे धीरे मैं संतुलित हुयी मैंने सारी कहानी अपने पापा – मम्मी को बताया ,

Shabana in action.

24 मई को मैं PTN News Office , patna पहुँची , अभी सर ने मुझसे पूछा story लिया आई , मैंने ज़वाब दिया सर मैं कु़छ लेकर नहीँ आई और मैं अपनी नौकरी से resign देने आई हूँ …येह बात सुनते ही boss ओझरा गये चूंकि लोग मेरे प्रोगाम दिल से दिल तक को पसंद करने लगे थे …मैंने boss को सारी बात बताई …मैंने कहा मैं अब उन बेबस महिलओं एवं बच्चियों के बीच काम करूंगी .. और मैं भागलपुर आगई , मेरी माँ मुझसे बहूत ही गुस्सा मेँ थी लेकिन मैंने पापा से कहा मुझे दहेज मेँ जो सिलाई मशीन देंगे वोह मुझे अभी दे दीज़ये..और पापा ने 28 मई 2007 को ऐक सिलाई मशीन और 1 दरी दिलाया … 29 मई 2007 को मैं शाहजंगी मुहल्ला स्थित बीडी मज़दूर के बीच आगई , उपस्तिथ बच्चियों को हुनर देने क़ा संकल्प लिया और वहाँ पर अमरूददी खलीफा के दरवाजे पर लड़कियों को सिलाई – कटाई क़ा ट्रैनिंग देने लगी …दूसरे दिन अमरूददी खलीफा ने अपने दरवाजे पर से हटा दिया .. मैं परेशान होने लगी , मैं जिसके दरवाजे पर सिलाई मशीन और दरी लेकर जाती थी लोग मुझे गाली देकर भगाते थे … तभी बीवी सलमा ने कहा मैडम मेरे घर के आंगन मेँ अमरूद क़ा गाच है …चलये उसके छांव मेँ मशीन और दरी लगाते हैं .. चिलचिलाती धूप और अमरूद क़ा गाच मैंने अखबार के पन्ने पर कैंची से काट कर पेटीकोट और बच्चों क़ा पैंटी बनाने सिखाने लगी …20 से 25 लड़कियां ट्रैनिंग लेरही थी के मौलाना मुजाहिद चिल्लाते हुऐ मेरे पास आकर मुझे भद्दी भद्दी गाली देने लगे ..मेरी बच्ची 600 बीडी बनाती थी जबसे आपने येह नौटंकी शुरू की है 200 बीडी भी नहीं बनाती ..मैंने बहूत समझाया लेकिन अपनी बेटी सोनम और नजराना को मारते हुऐ लेगये .. धीरे धीरे सभी लड़कियों ने मेरा साथ छोड़ दिया.. लेकिन बीवी रुक्साना , बीवी मुस्तरी , बीवी नाज्मा , बीवी हुस्न आरा और चांदनी मुझसे पेटीकोट , पैंटी , और बच्चों क़ा फ्रॉक सीना सीख लिया .. मैं भागलपुर उल्टापुल के नीचे ऐक बच्चो के हॉलसेलर व्यापारी श्री गौरी शंकर से बच्चों के पैंट और फ्रॉक सीने क़ा ऑर्डर लेकर उनसे ही कपड़ा रिक्शा पर लेकर आती थी …. 12/- रूपए के दर से वोह पांचों लड़कियां 3 दिन मेँ 100 फ्रॉक सी लेती थीं , पहला 1200/- की कमाई हुयी थी बांस और पन्नी लाकर झोपड़ी बनाया , फ़िर 10 दिनों के बाद 3400/- मजदूरी आया , बीवी रुक्साना के नाम्पर ऐक और सिलाई मशीन खरीदा , अब भागलपुर के maching home से महिला पेटीकोट सीने क़ा ऑर्डर आने लागा , अब ट्रैनिंग सेंटर मेँ 5 सिलाई मशीन होगई थी …येह नजारा पुरा गाँव देखकर हैरत मेँ पड़ गया अब लड़कियां बीडी क़ा रोजगार छोड़ सिलाई कतई मेँ लग गई , सिलाई सेंटर मेँ सैकड़ों की संख्या होगई थी …तभी नेता अबू कैसर ( abu qaisar ) साहेब ने Embriodery sewing machene , sewing machene एवं पन्नी को हटाकर चटाई क़ा छत लगा दिया , अब अखबारों मेँ मेरी बड़ी बड़ी स्टोरी छपने लगी , सैकड़ों युवतियां एवं महिलाएं बीडी छोड़ दूसरे रोजगार मेँ लगा गई थी …दैनिक जागरण अखबार आधे आधे page मेँ मेरी सफलता की कहानी छापने लगा , दैनिक जागरण कें तत्कालीन रिपोर्टर श्री Alok Dixit द्वारा लिखी गई स्टोरी national स्टोरी बनने लगी ..दैनिक जागरण अखबार कें तत्कालीन सम्पादक श्री Kamlesh Tripathi जी नें ही पहल कर हमारे सिलाई सेंटर को Nabard Nabin Roy से जोड़ा , अब बिहार सरकार के बड़े बड़े मंत्री मुझसे मिलने एवं मेरे कार्यो को देखने पहुंचने लगे .. मुझे नहीं पता था की उसी शाहजंगी छेत्र क़ा सरफिरा md Shamsher Quasmi बिना मेरे इजाजत बारात लेकर मेरे घर आजायेगा जबकी मैं किसी और को पसंद करती थी , 28 october 2008 को शमशेर से मेरा विवाह हुआ, उस वक्त वोह zee tv मेँ Pratyush Shrikant के साथ काम करते थे … अब मेरा सिलाई सेंटर मुहल्ला शाहजनगी के बगल मेँ पंखाटोली मेँ शिफ्ट कर गया , शमशेर अपनी नौकरी मेँ रहते थे और मैं अपना ट्रैनिंग देने क़ा काम शमशेर के घर मतलब आपने ससुराल मेँ करने लगी …. मैं लड़कियों एवं महिलओं को अपने से ट्रैनिंग देती थी ..लेकिन लड़कियां मार्केटिंग नहीं कर पारही थी ..मुझे लागा की इन लड़कियों को थोड़ा confidence ( आत्मविश्वास ) दिया जाय तो मैंने येह सलाह dainik jagran कें editor श्री कमलेश त्रिपाठी जी से बात किया कें सर मैं इन बच्चियों के सौंदर्य विकास , आत्मविश्वास , बात व्यवहार एवं dressing sense जगाने के लिऐ beauti contest करना चाहते हैं ….दैनिक जागरण ऑफीस मेँ बैठकर येह बात हुयी के इस beauti contest क़ा नाम क्या रखा जाय . बहुत मंथन के बाद येह तय हुआ इस beauti contest क़ा नाम ” खातून भागलपुर ” रखा जाय और इस beauti contest मेँ 107 मुस्लिम बच्चियों नें भाग लिया , 2 चरणों मेँ येह beauty contest आरम्भ हुआ .. चूंकि दैनिक जागरण के पहल पर beauti contest आरम्भ हुआ था तो दैनिक जागरण कार्यक्रम क़ा बड़ा बड़ा half page न्यूज़ छापने लगा , तब हिन्दुस्तान अखबार मेँ येह बात फैल गई के येह देश क़ा सबसे अनोखा event होरहा है और मैं भी पुरा न्यूज़ coverage दूंगा …अब हिन्दुस्तान और दैनिक जागरण अखबार मिलकर न्यूज़ coverage देने लगा , तब तक Bhagalpur Prabhatkhabar भी भागलपुर से आरम्भ होने वाला था , 10 दिनों तक पुरे beauty contest की तय्यारी क़ा half half page न्यूज़ coverage अखबारों में आता रहा , अब सहारा समय के beauro chief श्री शिव लोचन जी नें beauti contest क़ा 1 घंटे क़ा live दिखाया जिसमे पुरे beauti contest मेँ actrss Nafisa ali जुड़ी रहीं ….. कार्यक्रम को देखने पहुँची तत्कालीन महापौर श्रीमती ex mayor भागलपुर श्रीमती bina yadav , मुस्लिम माइनोरिटी डिग्री कॉलेज के principal dr salauddin ahsan , दैनिक जागरण के तत्कालीन सम्पादक श्री कमलेश त्रिपाठी , दैनिक जागरण unit head श्री राजा राम तिवारी औऱ भी बुद्धिजीवी उपस्तिथ थे ।

दैनिक जागरण नें अपने अखबार में न्यूज़ हेडिंग दिया ” औऱ रैम्प पर उतरी मुस्लिम खातून”, अखबार मेँ येह खबर छपते ही हर मस्जिदों से मेरे उपर ” फतवा ‘, लागू होगया , लोगों नें येह बात फैला दिया की मुसलमान लड़कियों को अर्धनग्न कर रैंप पर उतारा गया …जैसे जैसे मैंने नाम कमाया था मेरे आस पास के छोटे मोटे नेता मेरे दुश्मन वन गये थे ….मेरे घर एवं परिवार पर लोग attack करने वाले थे की तत्कालीन dysp अली अंसारी साहेब नें मेरे आवास पर security भेजा …मैं अपने बेगुनाही को साबित करने हर चौंक चौराहे पर लेपटॉप चलाकर लोगों को देखाती थी …

An approach to give voice to the unheard.

लेकिन जिंदगी से हिम्मत नहीं हारी , पति जनाब शमशेर नें शर्त रखा ” पति या सोशियल वर्क ” मैंने कहा social work औऱ शमशेर नें घर से निकाल दिया , लेकिन जब नाबार्ड के ddm श्री nabin roy नें फोन किया की उनका प्रोजेक्ट sanction होगया है , नाबार्ड से ऐक ऑफीसर amount चेक लेकर आरहे हैं तब शमशेर के घर मेँ खुशी की लहर दौड़ पड़ी औऱ कार्यक्रम मेरे ससुराल के आंगन मेँ हुआ जिसमे तत्कालीन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्य़क्ष श्री Ram Gopal Poddar , GM Uco Bank श्री gadadhar पंडा , ddm नाबार्ड श्री nabin roy , prof Kiran Singh उपस्तिथ थी … औऱ मैं दूसरे राज्यों मेँ भागलपुर क़ा नाम रौशन करती रही , बेशुमार अवार्ड मिला , 2013 में तत्कालीन सहकारिता मंत्री श्री रामाधार सिंह नें BJP में जोड़ने हेतु पटना बुलाया औऱ अपनी सरकारी गाड़ी से BJP कार्यालय भेजा जंहाँ श्री मंगल पांडे जी उपस्तिथ थे जिन्होंने मेरा BJP क़ा सदस्यता रसीद काटा औऱ श्री मंगल पांडे जी स्वास्थ्य विभाग , बिहार सरकार के मंत्री हैं , BJP क़ा सदस्य बनते ही …JDU औऱ BJP अलग होगये, मैं अभी राजनीति को समझ ही नहीं पाई थी के मुझे JDU के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव श्री RCP Sinh सर नें JDU को join करने क़ा ऑफर भेजा औऱ मैं RCP sir के हाथों JDU में आगई …चूंकि मेरे अंदर उड़ान की छमता आदरणीय मुख़्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को देखकर आई थी औऱ मैं माननीय नीतीश कुमार के कार्यो से बहुत प्रभावित थी ..


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