Change font size  -A  A  +A  ++A

बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू सबौर), भागलपुर.


बिन मिटटी की अव होगी बम्पर उपज !

@news5pm

April 5th, 2021

निशु जी लोचन/ ब्यूरो

बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू सबौर) की नई तकनिकी खोज के क्रम में अब बिना मिट्टी के हरे चारे फल व सब्जी का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा.

हाइड्रोपोनिक्स विधि से होगी यह खेती.

यहाँ के कृषि साइंटिस्ट्सो ने इस धारणा को गलत साबित कर दिया कि बिना मिट्टी के घास या साग सब्जी का उत्पादन नहीं किया जा सकता है. किसानों के पास जमीन घटते जा रहे हैं आने वाले दिनों में किसानों को जमीन को लेकर काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है और इसको देखते हुए सबौर के कृषि वैज्ञानिकों ने ऐसी पद्धति की खोज की है जिसके माध्यम से अब बिना मिट्टी के हरे चारे फल व सब्जी का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा.

डॉ आर.के.सोहाने, कुलपति, बीएयू, सबौर.

इसको लेकर बीएयू ने जलसंवर्धन विधि से हरा चारा, फल व साग सब्जी उत्पादन करने की पहल की है. डॉ आर.के.सोहाने, कुलपति, बीएयू, सबौर के अनुसार  इस विधि को हाइड्रोपोनिक्स विधि कहते हैं.

प्रयोगशाला में इस विधि से उगाया गया घास.

“इस विधि का प्रचलन ब्रिटेन, सिंगापुर,कैलिफोर्निया समेत कई देशों में भी है.  हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेती करने से उन पशुपालकों को काफी फायदा मिलेगा जिनके पास खेती करने के लिए या चारा उत्पादन के लिए अपने जमीन नहीं है.  इस विधि में समय के साथ साथ रुपए की भी बचत है और यह किसानों के लिए वरदान भी साबित होगा,” डॉ. सोहाने आज मिडिया से कहे.

सस्य विज्ञान विभाग

बीएयू, सबौर के सूत्रों के अनुसार इसको लेकर बीएयू द्वारा 3 से 4 महीने में प्लांट लगाया जाएगा , इसके लिए जमीन भी मुहैया करा दी गई है. हाइड्रोपोनिक्स विधि के बारे में किसानों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा.

कृषि वैज्ञानिक डॉ संजीव कुमार.

कृषि वैज्ञानिक डॉ संजीव कुमार ने बताया कि जल संवर्धन विधि से बिना मिट्टी के घास व साग सब्जी का उत्पादन बृहद पैमाने पर किया जाएगा. पोषक तत्व युक्त घोल में सतह पर घास व साग सब्जी आदि का उत्पादन किया जायेगा.  उन्होंने कहा कि कुलपति के लीडरशिप में इस प्रोजेक्ट को बिहार सरकार को सबमिट किया गया था इसे 2020 में अप्रूवल मिल गया. बीएयू, सबौर के सूत्रों के अनुसार कि इसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है.  इस माध्यम से 4 महीने बाद बृहद रूप से चारा व साग सब्जी का उत्पादन किया जाएगा.

प्रयोगशाला में इस ट्रे के ऊपर पोषक तत्व से इस विधि का प्रोयोग किया गया है.

“इस विधि से किसानों को काफी फायदा होने वाला है, खासकर जिनके पास ज्यादा जमीन नही है. इसके बिहार जैसे प्रदेश में जहाँ पशु चारा केवल 30 प्रतिशत ही उपलब्ध हो पता है, इस विधि से काफी मात्रा में पशु चारा अव उपलब्ध हो पायेगा,” बीएयू, सबौर के सूत्रों दावा किया है.


Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.