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Gautam Buddha also came here.
रमन सिन्हा/
भागलपुर के लोगो का विक्रमशिला के पुर्नौद्धर का मांग करना कोई नए बात नहीं है, यहाँ के प्रबुद्धजनो आज से कोई 108 साल पहले भगवान बुद्ध के अवशेषों को बिहार लाने की मांग की थी.
अंग जनपद से गौतम बुद्ध का अंतरंग संबंध था. भगवान अंग क्षेत्र के भद्दिया उर्फ भदरिया एवं चंपा के गर्गरा पुष्करिणी सरोवर पर पधारे थे. इस जगह पर लम्बे दिनों तक वर्षा वास करने के कारण उन्हीं के सामने संगीति भी हुई थी। तभी तो 1909 ई. में शहर के गणमान्य लोगों ने बैठक कर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार से पेशावर के निकट पाये बुद्ध के अवशेषों को बिहार लाने की मांग की थी.
बिहार सरकार के अभिलेखागार निदेशालय से 2013 में प्रकाशित ” मेकिंग आफ ए प्रोविंस, पार्ट वन ” के पेज 127 – 128 यह दर्ज है. पुस्तक में बताया गया है कि 19 सितंबर 1909 को तेज नारायण जुबली कालेज में एस. डब्ल्यू. अहमद की अध्यक्षता में शहर के गणमान्य लोगों की एक अहम बैठक हुई. जिसमें एस.एम. नेइम, मौलवी सैय्यद अली हुसैन, मौलवी अब्दुल मजीद, खगेन्द्र नाथ चटर्जी, चारु चंद्र बोस, सुरेन्द्र नाथ बोस, प्रभाष चंद्र पाल, मोनिंद्र नाथ गांगुली, अवध बिहारी सिन्हा, दीप नारायण सिंह, देवी प्रसाद मारवाड़ी, वसंत लाल साहु, नगेंद्र नाथ राय, हरेन्द्र लाल राय, गणेश लाल, गौरी शंकर सहाय, ईश्वरी प्रसाद, राधा कृष्ण प्रसाद, पुरंदर प्रसाद सहित अन्य लोगों ने सर्वसम्मति से तत्कालीन सरकार से मांग की कि – हाल में पेशावर के निकट पाये गये भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों, चिन्हों को बिहार लाया जाय कयोंकि भगवान की कर्मस्थली के कारण बिहार ही सवोर्त्तम स्थान है.
उसी किताब में पेज 131 में बताया गया है कि पूर्णिया में भी बनैली स्टेट के कुमार कृत्यानंद सिंह की अध्यक्षता में यूरोपियन मि. जी.एस.हेस, मौलवी अब्दुर रसीद, युगल किशोर, रुपन्द सरोगी, मंशु पंडित लाल, ज्योतिष चंद्र भट्टाचार्य, रविन्द्र नाथ धर, चारू चंद्र तरफदार आदि ने भी गौतम बुद्ध के अवशेषों को बिहार लाने की मांग की थी.
“हम बहुत दिनों से लड़ाई लड़ रहे है विक्रमशिला के लिए, पर अगर सरकार हमारी बात नही सुने तो हमारा क्या कसूर है ?” एन के जयसवाल , विक्रमशिला नागरिक समिति के अध्यक्ष का कहना है. जयसवाल के अनुसार भागलपुर के लोगो में शुरू से इन चीजो के बारे में जानकारी रहेनें और खुद लोगो का जागरूक होने से ऐसा मांग लाजमी है. पर मांग करना और आन्दोलन कर चीजो का प्राप्त करने में काफी अंतर है, बीजेपी के दिलीप मिश्रा मानते है. उनके अनुसार यैसे प्रासंगिक जरूरतों को प्राप्त करने हेतु जल्द एक बडा आन्दोलन करने का तैयारी चल रहा है.
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