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ब्यूरो रिपोट/
मुंगेर : पूर्वी बिहार के इतिहास में आज पहली मौका है जब मुंगेर के एक स्थानीय कोर्ट ने सीआरपीएफ टुकड़ी पर जानलेवा हमले के जिम्मदार पांच माओवादियों के लिए सजा ऐ मौत का फरमान सुनाया है. पूर्वी बिहार के इतिहास में माओवादियों द्वारा खुनी खेल का फरिस्थ लम्बी है जहाँ बहुत सारे लाल आतंकीओ की मौत भी पुलिस आदि के हाथो में हो चूका है. पर यह पहला घटना है जहाँ एक कोर्ट में सारे क़ानूनी प्रक्रिया के बाद आज यह कैपिटल पनिश्म्नेट का सजा सुनाया गया है.
सन 2014 के लोक सभा चुनाव के दौरान सीआरपीएफ टुकड़ी पर हमला कर दो जवानों की हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए पांच माओवादियों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम, मुंगेर, ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव की भरी हुई अदालत ने आज फांसी की सजा सुनाई, जो इलाके के लाल आतंकिओ के लिए एक नया घटना था.
आज का घटना खास इसलिये भी है क्योंकि सन 2005 भीम बांध के जंगल में मुंगेर की तत्कालीन एसपी, के सी सुरेन्द्र बाबु सहित अन्य 5 पुलिस जवानों को लैंड माइन विस्फोट से मौत का घाट उतारने वाले में से पकरे गए 3 माओवादी को मुंगेर कोर्ट को 2010 में लगभग 5 साल का सेशन ट्रायल के वाद साक्ष के अभाव में रिहा करना पढ़ा था.
न्यायाधीश जेपी श्रीवास्सतव ने अलग अलग धाराओं में सजा सुनाते हुए खडग़पुर थाना कांड संख्या 83/14 में आरोपित सभी पांच अभियुक्तों क्रमश: विपिन मंडल, अधिकलाल पंडित, रत्तू कोड़ा, बानो कोड़ा तथा मन्नू कोड़ा को ‘हंग अन टील डेथ’ ( मौत होने तक फांसी) की सजा सुनाई है.
सनद हो कि घटना बिगत लोकसभा चुनाव के दौरान पहले चरण के मतदान के दिन 10 अप्रैल 20014 की सुबह लगभग साढ़े चार बजे का है जब 131 सीआरपीएफ बटालियन का एक टुकड़ी मतदान संपन्न कराने के लिए वाहन पर सवार होकर अपनी बेस कैंप जो भीम बांध जंगल के अन्दर था, से निकलता हुआ सबा लाख बाबा स्थान पंहुचा और गंगटा -लक्ष्मीपुर पथ से होकर जाने लगा था. तभी सवा सबा लाख बाबा लाख बाबा स्थान से लगभग दो किलोमीटर आगे 50 से अधिक की संख्या में हथियार से लैश नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर दिया. साथ ही साथ आधुनिक हथियारों से लैस नक्सलियों ने जवानों के काफिले पर अंधाधुंध गोलिया चलाना शुरू भी किया था.
नक्सलियों के उक्त जत्था उस जगह पर महुआ चुन रही कुछ इनका सहयोगी महिलाहो के आढ़ लेकर आक्रमण बोला था और अँधेरा रहेने के कारन सीआरपीएफ के जवानों को इनका टोह नहीं लग पाया था.
इस घटना में वाहन में सवार आधे दर्जन से अधिक जवान जख्मी हो गए. उक्त सीआरपीएफ बल के दो जवान कर्नाटक निवासी हवलदार सोमे गौड़ा तथा छपरा निवासी रवींद्र राय गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे तथा कुछ देर के बाद इनके मौत हो गई थी.
फायरिंग के दौरान सीआरपीएफ जवानों ने रोशनी फैलाने वाला बम चलाया जिससे कुछ जवनों द्वारा अभियुक्त तथा उनके साथियों की पहचान की हो सकी थी. दिनांक 22 मई को न्यायालय द्वारा दोषी करार किया गया था. इस केस के सभी अभियुक्त प्रतिबंधित नक्सली संगठन के सक्रिय सदस्य हैं.
इस कांड में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 17 गवाह प्रस्तुत किए गए. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सुशील कुमार सिन्हा तथा संदीप कुमार भट्टाचार्य ने कोर्ट में अपनी दलीले प्रस्तुत किये थे. हालांकी अभियुक्त के वकीलों के अनुसार उचित न्याय पाने के लिये वे मुंगेर कोर्ट के इस फैलसे के बिरुद्ध उपर के अदालतों का दरवाजा में दस्तक देंगे.
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