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ब्यूरो रिपोर्ट/
जमुई के जंगल से काफी मात्र में बिस्फोटक सामग्री का मिलना इस बात का पुक्ता सबूत है की उस दुर्गम क्षेत्र अभी भी नक्सालियो के नियंत्रण में है| हालाँकि सरकारी महकमे हमेशा यह बात कहता है की भीम बांध का पूरा क्षेत्र जहाँ से उक्तो बिस्फोटक सामग्री मिला था, अब उनके कब्ज़े में है|
सूत्रों के अनुसार अप्रैल २ को सुरक्षा बलों ने जमुई के गुरमाहा जंगल इलाके से पांच किलो का केन बम बरामद किया है . हालाँकि उस घटना को एक बड़ी सफतला के रूप में देखा जा रहा है और एक बढे सुरक्षा अधकारी के अनुसार केन बम बरामद कर सुरक्षा बलों को शिकार बनाने की नक्सलियों के मंसूबे पर पानी फेर दिया है ।
पर यक्ष प्रश्न है की गुरमाहा जंगल में केन बम आया कहा से जब सरकारी तंत्र हमेशा यह दावा करते आ रहा है की उक्तो क्षेत्र से नक्साली सफाया हो चूका है |
केन बम की बरामदगी करहरा और बरहट डैम के बीच जंगल से हुई। यहां केन बम विस्फोट कर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की नक्सलियों ने योजना बनाई थी। बाद में जवानों ने केन बम को डिफ्यूज कर दिया। उस घटना की पुष्टि करते हुए एएसपी अभियान डीएन पांडेय ने बताया कि सीआरपीएफ, एसएसबी और एसटीएफ के साथ करगहरा, गुरमाहा, चोरमारा तथा बरहट इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा था। सर्च अभियान में मेटल डिटेक्टर और डॉग स्कवायर्ड की मदद से जवानों ने केन बम बरामद किया। बरामद बम काफी शक्तिशाली था जिसे डिफ्यूज कर दिया गया। केन बम सर्च ऑपरेशन के दौरान जवानों पर निशाना साधने की नीयत से लगाया गया था।
यहाँ बताते चले की गुरमाहा भीम बांध जंगल का एक महत्यपूर्ण स्थान है जो नक्सालीओ का एक अभेद दुर्ग के रूप में जाना जाता था. 2005 के माह जनबरी में गुरमाहा के निकट नक्सालीओ ने मुंगेर के तत्कालीन एस पी , के सी सुरेन्द्र बाबु सहित अनन्य पाच पुलिस को एक शक्तिशाली बारूदी सुरंग बिछाकर मौत का घाट उतरा था | नक्सालियो ने पुरे भीम बांध जो जमुई, लखीसराय और मुंगेर के बिच फैला हुआ है, को एक रेड कॉरिडोर के रूप में इश्तामल करते आ रहा था. सन 2013 में पहले बार सी आर पी एफ का एक बटालियन को भीम बांध जंगल के अन्दर रखा गया और तब से जंगल के कुछ हिस्सों को नाक्सालियो के कब्ज़े से मुक्त करबाने का बात कहा जा रहा है |
यह बात सही है की सुरक्षा बलों के अबजाही से उक्त क्षेत्रो में नक्साली गतिबिधि में काफी गिराबट आया है पर यह कहना की उस इलका को पूर्णो रूप से नक्सालियो से मुक्त कर लिया गया है यह गलत है| और गुरमाहा से केन बम का बरामद अभी भी इस बात का पुष्टि कर रहा है|
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