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निशु जी लोचन/
अगर आप भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में इलाज कराने जा रहे हैं तो सावधान रहिएगा.
अगर ब्लड चढ़ाने की जरूरत होगी तो आपको एड्स हो सकता है. वहां जो खून मरीजों को जीवनदान के लिए चढ़ाया जाता है वह दलालों द्वारा आपूर्ति किया जाता है. उस खून की कोई जांच नहीं होती है. वह खून सीधे इमरजेंसी वार्ड और इंडोर में इलाज करा रहे मरीज को इंजेक्ट कर दिया जाता है. और उस काम मे अस्पताल के नर्स, कंपाउडर और कर्मचारी शामिल होते हैं. पहले ऐसी घटना सामने आई है.
ताज़ा घटना क्रम भी उसी प्रकार का है. लेकिन इस बार मामला पकड़ में आ गया. सरकारी ब्लड बैंक के कर्मचारी और नर्स की सजगता की वजह से जाली खून का खेल करने वाला पुलिस के गिरफ्त में आया. जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के अधिकारी और कर्मचारी बताते हैं कि दलाल के माध्यम से डोनर को पैसा देकर इस तरह का खेल होता है और अस्पताल परिसर के बाहर कई रैकेट सक्रिय है. बड़ी ही चालाकी से रसीद और ब्लड का पाउच हूबहू मिलाकर
अस्पताल में आपूर्ति कर दिया जाता है. जीवन और मौत के जद्दोजहद में खून की कमी से किसी की मौत नहीं हो ,उस दशा में जल्दीबाजी के कारण उसी जाली ब्लड को मरीज में इंजेक्ट कर दिया जाता है. ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ दिव्या, टेक्नीशियन राजेश कुमार और अस्पताल अधीक्षक डॉ आर सी मंडल भी कहते हैं कि यह बड़ी चूक है. अलग बात की मरीज को उस ब्लड से कोई रिएक्शन नहीं हुआ. लेकिन उस जाली खून से जिंदगी के बजाय मौत मिल सकती थी. ऑन ड्यूटी नर्स की चालाकी से मामला सामने आया और ब्लड बैंक के कर्मचारी ने मिलान किया. खून को जब्त किया गया. मरीज को खून के दलालों से मिले नंबर पर पुलिस की कार्यवाही हुई और एक खून का दलाल पकड़ा गया. पुलिस उसे हिरासत में रखकर उसके निशानदेही पर खून के खेल का भांडाफोड़ करने में लगी है. अस्पताल अधीक्षक कहते हैं अस्पताल में कर्मचारी, नर्स और ब्लड बैंक के टेक्नीशियन को अलर्ट कर दिया गया है.
बिहार बंगाली समिति का भागलपुर इकाई जो ब्लड डोनेशन को आम लोगो के बीच प्रेरित करवाने के लिए पुरे देश में काफी चर्चित हो चूका है, यैसा घटना पर चिंता व्यक्त किया है. समिति में उत्तम देवनाथ के अनुसार लोगो को जानकारि नहीं रहने से यैसे घटनाओ में इजाफा हो रहा है. उनके अनुसार, सघन ब्लड डोनेशन से इस तरह के घटानो को रोका जा सकता है. साथ ही साथ उन्होंने अस्पताल के सम्बन्धित पदाधिकारिओ को भी सचेत रहने का अपील किया है और इस प्रकार के घटनाओ को रोकने के लिए सक्त से सक्त कदम उठाने को कहा है.
Jarurat hai jagrukta ka…tabhi eisi galti nahi hogi…patient ke pariwar ko blood agar doctor suggest karte hai to doctor aur nurse ko unhe Blood bank se blood lene ke lie prerit karna chahiye…