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राजस्व और भूमि सुधार विभाग का ऑनलाइन नक्शा.
निशु जी लोचन /
बिहार में राजस्व और भूमि सुधार विभाग में भले सबकुछ ऑनलाइन कर दिया गया हो लेकिन पेंचकस अभी भी भू माफिया के पास ही है। चलिए हम इसे आपको समझाने की कोशिश करते हैं। बिहार के 38 जिले में 534 प्रखंड हैं। 93.60 लाख हेक्टेयर जमीन है और 94.163 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। अगर कोई निवेशक या जमीन का मालिक 38 जिले में 28 प्रखंड के जमीन की जानकारी लेना चाहेंगे तो उनको निराश होना पड़ेगा।
बिहार सरकार के भूमि सुधार विभाग के साइट और मैप में कई प्रखंड ओपेन ही नहीं होता तो कई प्रखंड के जमीन का डिटेल मौजा का खाका खुलने के बाद भी जमीन का खसरा नंबर नहीं

ऑनलाइन में जिले का पेज.
दिखता। यानी उस प्रखंड के मौजे का डिटेल गायब दिखता है। एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आई है कि भूमि सुधार विभाग का ओरिजिनल रजिस्टर 2 को अब कर्मचारी डुप्लीकेट रजिस्टर 2 बनाकर भू माफिया के हाथों जमीन बेच मालामाल हो रहे हैं।
बिहार सरकार के भूमि सुधार साइट में मैप पर गौर करें और टच कर खोले तो परिणाम चौकाने वाला है।
भागलपुर ज़िले में गोराडीह और नारायणपुर प्रखंड में जमीन का डिटेल नहीं दिखता। उसी तरह सिवान में जीरादेई, महराजगंज, बसंतपुर और नवतन के मौजे का डिटेल भूमि सुधार के साइट से गायब है।

भागलपुर जिले का नक्शा .
बेगूसराय ज़िले में बेगूसराय प्रखंड के जमीन का डिटेल आप नहीं देख सकते हैं। यही हाल रोहतास जिले में सासाराम प्रखंड का है। बक्सर, नावानगर, दरभंगा, बलुआही, बेनीपट्टी, रहिका, फुलपरास, मधुबनी, मधेपुरा, कटिहार, कुर्सेला, बलरामपुर,आजमनगर, बारसोई, अररिया, फारबिसगंज, किशनगंज, वैशाली में देशरी, मुजफ्फरपुर , मुसहरी और सूर्यगढ़ा जैसे प्रखंड के जमीन का डिटेल सरकार के नक्शे में दिखता ही नहीं है।
आखिर ये माजरा क्या इशारा कर रहा है?
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