Change font size  -A  A  +A  ++A


नक्साली ऑपरेशन : सीआरपीएफ पोस्टर बैनर लेकर उतरा मैदान में !

@news5pm

May 8th, 2017

ब्यूरो रिपोर्ट/

‘ईट का जवाब पत्थर से’- हम सभी इस पुरानी कहावत से वाकिफ है पर यह कहानी कुछ इस प्रकार का है जहाँ  ईट का जवाब ईट से देने का काम किया जा रहा है !

बात है सीआरपीएफ द्वारा संचालित एंटी नक्साली अभियान जो पूर्वी बिहार के नक्साल प्रभाबित जिलो में शुरू किया गया है. इलाके में जहाँ पहले नक्सालियो के चहल कदमी से आम जनजीवन में एक डर का खोफ बना हुआ था, आज कमसे कम लोग बिना भय का जीवन जी रहा है. पहेले नक्सली लोगो में खोफ पैदा करने के लिए पोस्टर बैनर अदि का इस्तमाल करता था. पर अब पाशा उलट गया है – सीआरपीएफ अब इस तरह के पोस्टर बैनर के साथ मैदान में कूद गया है. इन पोस्टरों के द्वारा सीआरपीएफ आम लोगो के बिच नक्शालियो का असली चहेरा उकेरने में जुट गया है.

जमुई की पठारी क्षेत्र पर  सीआरपीएफ एक ऑपरेशन

रपीएफ कैंप बी 215 द्वारा इन दिनों नक्सलियों के खिलाफ पोस्टर चिपकाकर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है. कैंप के सहायक कमांडेंट ब्रजेश कुमार के नेतृत्व में सीआरपीएफ जवान प्रखंड के जंगली इलाकों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों एवं महत्वपूर्ण जगहों पर पोस्टर चिपकाकर नक्सलियों किस तरह से  विकास का बाधक है यह पोस्टरों तथा बनारो के माध्यम से बता रहे हैं। सीआरपीएफ द्वारा चिपकाए गए पोस्टर में कहा गया है कि सरकार और पुलिस प्रशासन आम जनता की सुविधा और सेवा के लिए सड़क, स्कूल, अस्पताल, डाकघर, संचार सुविधा के साथ-साथ रोजगार का साधन उपलब्ध करा रही है। सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत लोगों के बीच आवश्यक सामग्री का वितरण भी कर रही है। समय-समय पर प्राकृतिक आपदा, सड़क दुर्घटना जैसे विपरीत परिस्थितियों में भी सीआरपीएफ के जवान आगे बढ़कर लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहते है। इसके विपरीत नक्सली विकास के बाधक बने हुए है। आए दिन सड़क, अस्पताल, स्कूल भवन का निर्माण कार्य बंद करा देते है। निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की हत्या कर समाज में दहशत फैला रहे हैं। आमलोगों के साथ मारपीट और हत्या तक कर देते है। कमांडेंट ब्रजेश ने अनुसार   उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में सरकार रोड रिक्वायरमेंट प्लान एक के तहत 5422 किलोमीटर सड़क का निर्माण करा रही है।

“एक समय था जब हम नक्सली पोस्टर को देख कर आपने आपने घर के अन्दर कैद हो जाते थे पर अब हम यह पोस्टर देख कर फिर से जीने का हिम्मत कर सकते है,” बंदरमारा के संजय कुमार सीआरपीएफ की पोस्टर के तरफ इशरा कर बताया.


Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.