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नीतीश कुमार शहीद रतन को श्र्ध्यासुमन अप्रित करते हुए.
निशु जी लोचन/
मानवीय भावनाओं से लवरेज हिंदुस्तान हमेशा से फौजियों का सम्मान करते रही है और करते रहेगी. इस कडी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शहीद रतन के गांव रतनपुर, भागलपुर के कहलगांव अनुमंडल में , शहादत को नमन करने, शहीद के परिजनों से मिलने आज आए.
यह उनके राज्य नीति का अहम हिस्सा कह सकते हैं, लेकिन देश के अंदर इस बात पर राजनीति होने लगी है और वह भी शायद ओछे नजरिये से यह शहीदों का अपमान कहा जायेगा! सनद रहे की पटना हवाईअड्डे में और एक शहीद, बेगुसराय के पिंटू की लाश को लाने राज्य के कोई मंत्री या जिम्मेदार अधिकारी नही पहुचा था. उस दिन सभी पटना में होनेवाले प्रधान मंत्री की रैली के लिए व्यस्त था.

शहीद रतन के घर में नीतीश कुमार.
इलाके की आम जनता कहती है अभी देश वीररस से लवरेज है, देश के बाहर और भीतर ऐसे ही जज्बातों की जरूरत है. पर राज्य सरकार द्वारा शहीद की उपेक्षा घोर अपमान है और शायद इस चुक का भरपाई करने आज नीतीश कुमार को हेलीकाप्टर से रतनपुर आना पड़ा. वे रतनपुर से शहीद पिंटू के घर बेगुसराय भी गये.
“मुख्यमंत्री का यह दौरा महज औपचारिक था, हम शिष्टचार के नाते उन्हें चाय पीने को कहे पर वे राजी नही हुए,” शहीद रतन के परिवार के लोगो ने दबी जुबान से कहा. पर परिवार के लोगो ने मीडिया को यह जानकारी दिया की मुख्यमंत्री ने उनके कुशलक्षेम के साथ साथ सरकार द्वारा सहायता राशि की भी जानकारी ली. साथ साथ उन्हने शहीद रतन के बेटा का सही परवरिश के वारे में भी बात की.

रतनपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.
रतनपुर के ग्रामीणों का आज यह मानना था : “सिर्फ भावनाओं को उभार कर राजनीत नहीं होनी चाहिये बल्कि विकास के कार्य भी जनता की भावना को ध्यान में रखकर होनी चाहिए, और चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, जनता की भावनात्मक सोच और देश के मूड को सिर्फ वीररस में पेशकर सबकुछ बटोर नहीं सकती, बल्कि जनता की भावना को आहत किये बगैर समय पर विकास कार्य करना पड़ेगा. फिर अच्छे मन से राजनीत करने वाले जनता से जो चाहे वही मिलेगा.”
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