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ब्यूरो रिपोर्ट/
बिहार पुलिस नई रणनीति के तहत पुरानी चर्चित घटनाओ में संलिप्त माओवादिओ के तलाश में है और वैसे कांड में हुई गिरफ़्तारी के जरिये पुलिस बड़ी मछली पकड़ने के फ़िराक में है. पूर्बी बिहार के इलाको में हालफिलहल पुलिस को इस दिशा में सफलता भी मिला है.
मुंगेर के आरक्षी अधीक्षक आशीष भारती के अनुसार हाल के दिनों में अर्धसैनिक बल की सहायता से गिरफ्तार किए गए गंगटा थाना कांड संख्या 83/14 के नामजद अभियुक्त हार्डकोर नक्सली फूलचंद कोडा को जेल भेज दिया गया. हवेली खरडपुर (मुंगेर) में पत्रकारों उन्होंने बताया कि लोक सभा चुनाव 2014 में भीमबांध से गंगटा थाना की ओर ड्यूटी पर जा रहे सीआरपीएफ के जवान पर 10 /04 /14 को सवा लाख बाबा स्थान से गंगटा थाना की ओर एन एच 333 पर नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट कर एवं चारों ओर से घेर कर फायरिंग कर दो जवानों की हत्या कर दी थी और कई अन्य घायल हुए थे. इस मामले में 16 प्राथमिकी अभियुक्त एवं अन्य अप्राथमिकी में से कई लोगों को जेल भेजा जा चुका है, जिनमें से गुप्त सूचना के आधार पर अर्ध सैनिक बल की सहायता से कांड संख्या 83/14 के नामजद अभियुक्त नक्सली फूलचंद कोडा को भीमबांध के चौकिया गांव लक्ष्मीपुर थाना से गिरफ्तार किया गया.
बताते चले की 10 अप्रैल 2014 को लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण कराने के उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था हेतु भीमबांध से सीआरपीएफ 131 के जवानो ने पैदल मार्च करते हुए भीमबांध से गंगटा की ओर आ रहे थे. इसी बीच सवा लाख बाबा से कुछ ही दूरी पर घात लगाए नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट कर और चारों ओर से जवानों को घेरकर अंधाधुंध फायरिंग करने लगा. जिसमें 3 जवान सोमे गौरा, रविंद्र राय और अशोक कुमार बेसरा को गोली लगी और तीनों गंभीर रुप से जख्मी हो गए जिसमें सोमे गौरा एवं रविंद्र राय की मौत हो गई. मामले को लेकर सीआरपीएफ के जवान गुंजन कुमार के फर्द बयान पर भादवि की धारा 147, 148, 149, 121 (CA) 122, 124, 342, 307 302, 353 व 27 आर्म्स एक्ट, 3/4/5. एक्सप्लोसिव एक्ट 134 ( बी ) आर पी एक्ट 16 /17 /18/2 0/23 /35 यूएपीए एक्ट के तहत कांड संख्या 83/14 दर्ज कर गंगटा थाना पुलिस ने 16 लोगों परवेश उर्फ अनुज दा, अरविंदा दा, गोपालदास, बबलू दास, सिद्धू कोडा, बालेश्वर कोडा, अर्जुन कोडा, रत्तु कोडा, बाबूलाल यादव, अधिक लाल यादव, पूना कोडा, पिंटू राणा, अनिल कोडा, फूलचंद कोडा, ध्यानचंद कोडा, धर्मेंद्र कोडा एवं अन्य को नामजद अभियुक्त बनाया गया.
बिहार में पहली घटना होगा जब सम्प्रति 25 मई 2017 को इस मामले में सुनवाई करते हुए मुंगेर के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने दोषी पाकर पांच माओवादियों मन्नू कोडा, बानो कोडा रत्तू कोटा, अधिक लाल पंडित, विपिन मंडल को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई.
पांच माओवादियों को सजा दिलाने के वाद पुलिस इस कांड के अनुसन्धान जरी रखते हुए अब अपनी जाल समेटना शुरू कर दिया है. कांड संख्या 83/14 के अन्य नामजद अभियुक्तों परवेश उर्फ अनुज दा, अरविंद दा, गोपालदास, बबलू दास, सिद्धू कोडा, बालेश्वर कोडा, अर्जुन कोडा, बाबूलाल यादव, पूना कोडा, पिंटू राणा, अनिल कोडा, ध्यानचंद कोडा, धर्मेंद्र कोडा पुलिस गिरफ्त से बाहर है. अब तक पुलिस प्राथमिकी व अप्राथमिकी अभियुक्तों में अबतक मात्र 6 लोगों को गिरफ्तार कर पाई है शेष लोग अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. यह सभी फरार अभियुक्तों में से परवेश, अरविंद आदि हार्डकोर उग्रोवादी है जिनके उपर बिहार सरकार सहित झारखण्ड सरकार भी करोड़ रुपये का इनाम भी रखा है. “ हम कोशिश में लगे हुए की किसी भी तरह यह लोग हमारे कब्ज़े में आ जाये और इसके लिए हम पुरे घटना में शामिल एक एक अभियुक्त की गिरप्तारी सुनिश्चित हो,” पुलिस के एक आला अधिकारी कहते है. उक्त अधिकारी के अनुसार पुलिस इलाके के वैसे हर चर्चित घटनोका का अनुसन्धान वारिकी से कर रही है और गिरप्तार अभियुक्तों के जरिये माओवादि नेताओ तक पहुचने में लगा हुआ है.
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