Change font size -A A +A ++A

ब्यूरो रिपोर्ट
इन दिनों बिहार के भागलपुर से एक वीडियो बढ़ी तेजी से वायरल हुआ है। वह वीडियो शहर के एक प्रमुख पत्रकार के घर पर लगे सीसीटीवी का फुटेज है। उसमें इंसान और जानवर के बीच एक रोटी के लिए चंद सेकंड का जंग है। वह जंग उस समय कैमरा में कैद हुआ जब भागलपुर सहित पूरा विश्व कोरोना के डर से जड़वत पड़ा हुआ है। और उस कांड के दोनों किरदार उस हालात में भूखा रहा होगा।
वैसे मनुष्य और जानवर के बीच जंग का इतिहास बहुत पुराना है, पर मानुष, मानुष होने के चलते जानवर पर विजय पा लिया है। पर आज का हालात कुछ वैसा माहौल बना रहा है, जहाँ मनुष्य एक सड़क छाप कुत्ते के मुंह का निवाला भी छीन रहा है।

रोटी की तरफ जाते हुए दो अंजन महिलाए.
अपना परिचय को सार्वजनिक न करने का अनुरोध करते हुए, उक्त पत्रकार जो, उस कैमरा के अलावे खुद अपने को उस घटना का चशमदीद गवाह हैं, बताते हैं…“ मैं रोज की तरह खाना खाने के बाद रोड पर के कुत्ते के लिए खाना लेकर गया था। दो महिला रोड से चली जा रही थी। मेरे खाना देने के पहले, एक आवारा कुत्ता, जिसको मैंने आवाज दिया था। मेरी तरफ न आकर सड़क किनारे फेंकी गई रोटी लेने को लपका। उसी बीच दो गुजर रही महिलाएं कुत्ते से भी ज्यादा फुर्ती से उस रोटी को उठा कर आगे बढ़ जाती हैं। यह घटना तेजी से वायरल हुई। रोड किनारे पड़ी हुई एक सुखी रोटी को जिस अंदाज से उस महिला ने उठाई, वह मेरी कल्पना से बाहर की चीज थी। मैंने भी सुधबुध खो दिया….मुझे यह भी नहीं सूझा की मैं दोनो को बुलाकर खाने का कुछ दे दूं।”

और रोटी जमीन से उठाते हुए ……..
वह पत्रकार जो पत्रकारिता के अलावे जरुरतमंद के बीच दान सेवा के लिए मशहूर है, अपने इस विफलता के लिए लज्जित हैं।
यह सोचने लायक बात है की उक्त घटना, एक अनुभवी पत्रकार को किस प्रकार झकझोर सकता है। पत्रकार तो क्या किसी भी सेन्सेटिव मनुष्य को विचलित कर सकता है!
भागलपुर की यह घटना आनेवाले कल के लिये देश का खासकर बिहार का एक दुःस्वप्न जैसा है। कोरोना और मनुष्य की बीच आर पार की लड़ाई पुरे विश्व में शुरू हो चूका है। पर हमारे जैसे मुल्क खास कर बिहार जैसे प्रदेश में यह घटना कोरोना से भी ज्यादा घातक नजर आ रहा है।
घटित घटना साफ़ दर्शाता है हमारी तमाम सफलताओं को, जिसके प्रचार प्रसार में हम इन दिनों बहुत कुछ कर रहे हैं, कहाँ है हमारे यहाँ के आपदा प्रबंधन? लोग अगर कुत्ते की मुंह से रोटी छीन रहा है तो आने वाले दिनों में स्थिति क्या होगा? क्या एक कल्याणकारी राज्य में विपदा के समय में प्रजा का यही दशा होता है! वैसे तो हर साल बाढ़ के समय कमोवेश ऐसा ही दृश्य देखने को मिलता है।
एक बात का इस प्रसंग में चर्चा करना अति आवश्यक है की भागलपुर शहरी क्षेत्र के कांग्रेस के विधायक, अजीत शर्मा (जिनके आवास के निकट यह घटना हुई थी ) मौजूदा हालात में सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। कहते हैं “उक्त दोनों महिलाएं और अन्य गरीब महिला पुरुष मेरे आवास पर आया था। खाना राशन आदि के लिए अपना अपना नाम लिखवाने के लिए। ताकि सरकारी मदद मिले। मैने डीएम् को पत्र लिखकर इस तरह के लोगो के लिए सरकारी राशन आदि के लिए कहा है। हो सकता है भूख के कारण रोड पर फेका हुआ रोटी उठाने को मजबूर थी। महिला द्वारा कुत्ते के निवाले को उससे छीनना, विधायक शर्मा की दिलेरी और सरकार के मनसे पर सवाल खड़ा करती है।
वैसे कुछ लोगों का दावा है की आने वाला कल बिहार जैसे पिछड़े राज्य के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा। आर्थिक मामले के जानकर संजीत की माने तो कोरोना का असर खत्म होने पर जो परिणाम होगा, वह काफी गंभीर हालात पैदा कर सकती है।
और यही कारण है की वह पत्रकार इन सारे विफलता को देखते हुए, अपने आप को कुछ ज्यादा असहज पाया और अपना परिचय छिपाने का प्रयास कर रहा हैI
Leave a Reply