Change font size  -A  A  +A  ++A

नृत्य नाटिका उर्वशी का मंचन.


उर्वशी के बहाने सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने का एक सार्थक प्रयास

@news5pm

May 7th, 2018

ब्यूरो रिपोर्ट/

स्थानीय सैंडिस कंपाउंड के मुक्ताकाश मंच पर दिव्यांश कलाकेंद्र के द्वारा नृत्य नाटिका उर्वशी का मंचन एक वार फिर से  भागलपुर के पुरानी यादो को  जीवित कर दिया. सांस्कृतिक हलचल जो भागलपुर का एक समय का पहचान था, आज मृतप्राय है. और शायद उर्वशी का मंचन यहाँ सांस्कृतिक गतिविधियों में दम भरने का एक आगाज था!

एक तरफ जहाँ पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित नाच गाने शहर के सांस्कृतिक विरासत को प्रभावित कर रहे है वहीं दूसरी तरफ भागलपुर में कलाकारों का ऐसा समूह भी मौजूद है जो शास्त्रीय नृत्य से दर्शकों को प्रभावित कर सकते हैं. नृत्य नाटिका उर्वशी की प्रस्तुति में दर्शकों की संख्या इस बात का प्रमाण देती है कि आज भी भागलपुर में स्वस्थ सांस्कृतिक माहौल बरकरार है और दर्शको में भी अच्छी प्रस्तुति देखने की भूख है.

नृत्य गुरु मिथलेश कुमार के निर्देशन में जब नृत्य नाटिका की शुरुआत हुई तो मुक्ताकाश मंच का पूरा माहौल सांस्कृतिक हो उठा और दर्शक हर दृश्य, हर गतिविधियों पर तालियाँ बजाने को विवश नज़र आये. कार्यक्रम  की शुरुआत स्वागत वंदना से हुई जिसमे मेघा,सर्जना, खुशबू, सृष्टि, भरत, राजहंस, चिन्मय, शत्रुघनं ने हिस्सा लिया. फिर कार्यक्रम का उदघाटन परमहंस स्वामी आगमानंद जी ने दीप प्रज्वलित करके किया. दीपप्रज्वलन के पश्चात छोटे बच्चों दीक्षित, प्रतिष्ठा, जिया, शाम्भवी, कनक, रिद्धि, तनीषा, अंतरा,प्रियानी और आद्या ने देवी स्तुति पर कथक नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया.

फिर स्वर्णहंस लघु नृत्य नाटिका की प्रस्तुति हुई जिसमें राशी, प्रियांशी, समृद्धि, अनुष्का,तुलसी, ओम, हर्ष, आदिकलाकारों ने हिस्सा लिया जिसमें तबले पर आलोक,हारमोनियम पर विशाल और पढ़न्त मिथलेश कुमार का था.

नृत्य नाटिका उर्वशी का एक दृश्य.

24 बच्चों के समूह ने कथक नृत्य के विभिन्न तालों पर आधारित तालचक्र की बेहतरीन प्रस्तुति दी.  तालचक्र नृत्य में हिस्सा लेने वाले कलाकारों मे आस्था, तृप्ति, नमन, निशा, प्रियांशु,निशु भूमि, आशी, तूलिका, बाप्रिया,मुक्ति, शांभवी, सृष्टि, दीक्षा, मृदानी, तृषा, गगन, गरिमा, श्रेया, सूचि, समृद्धि, रसलीन, अपराजिता, चैतन्य भाव्या,वर्णिका, थे. विशाल के  ठुमरी गायन से एक अलग पहचान मिला. इसी क्रम में राजस्थानी लोक नृत्य की भी प्रस्तुति हुई जिसमें दीक्षा, गरिमा, श्रेया, शांभवी, तृषा और मृदानी ने समा बांध दिया.

उपरोक्त सभी नृत्य कार्यक्रमों से मुक्ताकाश मंच पहले ही सराबोर हो चुका था, फिर शुरू हुई ऊर्वशी की प्रस्तुति.  नृत्य नाटिका ऊर्वशी के शुरू होते ही  दर्शक खोते चले गए. नाटिका में नर नारायण ऋषि की जंघा से उर्वशी की उत्पत्ति हुई जो अनिन्ध सुंदरी थी  और स्वर्गलोक की अप्सरा भी. एक बार स्वर्ग में नृत्य के दौरान ताल टूट जाने की वजह से इंद्र उर्वशी को मर्त्यलोक में जाने का शाप दे देते है. और उधर  मर्त्यलोक में उर्वशी कुछ शर्तों के साथ राजा पुरुरवा से विवाह कर लेती है. दीर्घ अवधि बीत जाने पर स्वर्गलोक में गंधर्वों को उर्वशी की अनुपस्थिति अप्रिय प्रतीत होने लगी थी.

फलस्वरूप इंद्र अपने यत्न से पुरुरवा को उर्वशी की शर्तों को तोड़ने के लिए विवश कर देता है फलतः उर्वशी शाप से मुक्त हो कर वापस स्वर्गलोक चली जाती है और इधर मर्त्यलोक में उर्वशी की विरह में पुरुरवा सन्यास ले लेता है. कलाकारों में पुरुरवा के रूप में स्वयं नृत्य निर्देशक मिथलेश, उर्वशी के रूप में प्रगति मिश्रा, कृष्ण-मृणाल, इंद्र-अरुण कुमार ओझा, नारायण ऋषि-शशि शंकर, नारद-साकेत, कामदेव-शुभम, सभासद-निर्मल, अप्सराओं में- रिशीका, अनुप्रिया, सोमी, प्रत्यक्षा, अंकिता, स्नेहा, अनुभूति, बाप्रिया,और आशना ने अपने नृत्य से दर्शकों को चकित किया, और कोरस के रूप में दीपांशु और मुक्ति थीं. उर्वशी का लेखन कविंद्र मिश्र ने किया और निर्देशन मिथलेश कुमार ने. प्रकाश अभिकल्पना विकास कुमार ने किया, दृश्यबंध का निर्माण अनिल कुमार ने किया. गायन शैलेश और नेहा का था. तबले पर आलोक रंजन थे. ब्रोशर डिजाइन कुमार चैतन्य प्रकाश ने किया. और पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन आकाशवाणी भागलपुर के वरिष्ठ उद्घोषक विजय कुमार मिश्र ने किया. धन्यवाद ज्ञापन संस्थापक उत्तम जी ने किया.

“यह हमारे सौभाग्य की बात है की हम यहाँ इस तरह के हाई स्टैण्डर्ड वाला ड्रामा देख सकते है जो अनुमन बडे –बडे शहरों में ही देखने को मिलता है. आयोजकगण धन्यवाद के पात्र है पर हमें भी इनके इस तरह की प्रस्तुति के लिए आगे भी इन्हें सहयोग करना है,” अभिनव कुमार  एक युवा दर्शक का टिप्पणी कई मायने में भागलपुर के सांस्कृतिक गतिविधियो का दशा दिशा और दर्शन को तय करने के लिए बतौर एक अच्छी सुझाव हो सकती है.


Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.