Change font size  -A  A  +A  ++A

साइमन मरांडी


लिट्टीपाड़ा उप-चुनाव में मोदी की नहीं चली, जेएमएम जीता

@news5pm

April 13th, 2017

ब्रजेश वर्मा/

 लिट्टीपाड़ा (झारखण्ड): लिट्टीपाड़ा से झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के उम्मीदवार साइमन मरांडी ने भजपा के हेमलाल मुर्मू को हरा दिया.

हालाकि यह सीट जेएमएम का ही था, फिर भी भाजपा ने इसे जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पास के साहेबगंज में गंगा पर पुल के शिलान्यास के नाम पर ठीक चुनाव के समय बुला कर लिट्टीपाड़ा को अपने कब्जे में करना चाहा था.

प्रधानमंत्री ने लिट्टीपाड़ा सहित संथाल परगना के इस इलाके के महिलाओं को एक लाख स्मार्ट फ़ोन और नवगठित पहाड़िया बटालियन के लड़कों को लगभग एक हजार नियुक्ति पत्र दी. चूँकि चुनाव अभियान को मुख्यमंत्री रघुबर दास ने अपने हाथों रखा था; उनकी सारी योजना धरी रह गयी.

मोदी के सामने झारखण्ड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबु सोरेन खड़े थे जिन्होंने इस इलाके में अपने 40 साल के अनुभवों के बल पर मतदाताओं को बिना कोई आश्वासन दिए ही मोदी को पछाड़ दिया.

लिट्टीपाड़ा जो झारखण्ड का एक सबसे गरीब आदिवासी इलाका है वहां के लोगों का कहना है कि उन्हें उनके जीवन में स्मार्ट फ़ोन से अधिक अपनी जमीन को बचानी है जिसे सरकार संथाल परगना टेनेंसी एक्ट में बदलाव कर उनसे ले रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहाँ आदिम जन-जाति पहाड़िया के ऊपर फोकस कर रहे थे, शिबु सोरेन ने उस मुद्दे को सामने लाया जिसे एक आदिवासी अपने जीवन ने फिर से कभी नहीं देखना चाहेगा.

शिबु ने साफ़ –साफ़ कहा कि भाजपा एक बार फिर से इस इलाके में महाजनी प्रथा लाना चाहती है, जिसे हम हरगिज नहीं शुरू होने देंगे. इसके जबाव में आदिवासियों ने नारा दिया-“अबुआ राज, अबुआ राज” (अपना शासन-अपना शासन).

झारखण्ड का निर्माण तो इसी सिधांत के आधार पर हुआ है. फिर मोबाइल बाँटने से कोई क्रांति नहीं होने वाली थी. भजपा के जिस किसी नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऐसी सलाह दी थी वह निहायत ही घटिया थी.


Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.